अटल
जब पलटोगें इतिहास
एक पुंज नजर आयेगा
बन कर युगपुरुष वो
राह विश्व को दिखाऐगा
मौत खुशी मना रही है
जिया को हुलसा रही है
चाँद मुस्काँ बिखेर रहा
युग सृष्टा नभ को जा रहा
आने वाली पीढ़ी उसे पढ़ेगी
एक नयी सीख को सीखेगी
अतीत को दोहराया जायेगा
अटल को शीश झुकायेगा
राजनीति योगिनी भोगिन है
शूरवीरों का शौर्य डिगाती है
स्वच्छ पवित्र गंग सी छवि
अटल चिर अटल बनाती है