Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2019 · 1 min read

अटल विश्वास

आज अभी की बात करें
कल किसने देखा है
कुछ दूर चल कर आये है
कुछ दूर चलना बाकी है

मंजिल आज कल मिल जायेगी
मन में अटल विश्वास रखो
हर मोड़ पर आशा दिप जले
रगो में नया उत्साह जगे

मन की गहराईयो में डूब कर
जीवन की मोती को पालो
तुम बहता ऊर्जा शक्ति हो
संसार का उभरता सितारा है।
।।

-आनंदश्री

Language: Hindi
455 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पुस्तक समीक्षा- धूप के कतरे (ग़ज़ल संग्रह डॉ घनश्याम परिश्रमी नेपाल)
पुस्तक समीक्षा- धूप के कतरे (ग़ज़ल संग्रह डॉ घनश्याम परिश्रमी नेपाल)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*उदघोष*
*उदघोष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बाल वीर दिवस
बाल वीर दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जय श्रीकृष्ण । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ।
जय श्रीकृष्ण । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ।
Raju Gajbhiye
किस्मत
किस्मत
Vandna thakur
"छछून्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
कितने छेड़े और  कितने सताए  गए है हम
कितने छेड़े और कितने सताए गए है हम
Yogini kajol Pathak
2931.*पूर्णिका*
2931.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इश्क
इश्क
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"खामोशी की गहराईयों में"
Pushpraj Anant
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
Kanchan Khanna
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
Ravi Prakash
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
Sunil Suman
नसीब तो ऐसा है मेरा
नसीब तो ऐसा है मेरा
gurudeenverma198
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
Shravan singh
माँ गौरी रूपेण संस्थिता
माँ गौरी रूपेण संस्थिता
Pratibha Pandey
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
प्रजापति कमलेश बाबू
मचले छूने को आकाश
मचले छूने को आकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"सन्त रविदास जयन्ती" 24/02/2024 पर विशेष ...
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
DrLakshman Jha Parimal
भारत
भारत
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
विदंबना
विदंबना
Bodhisatva kastooriya
आंधी है नए गांधी
आंधी है नए गांधी
Sanjay ' शून्य'
चढ़ा हूँ मैं गुमनाम, उन सीढ़ियों तक
चढ़ा हूँ मैं गुमनाम, उन सीढ़ियों तक
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"विचित्रे खलु संसारे नास्ति किञ्चिन्निरर्थकम् ।
Mukul Koushik
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
VINOD CHAUHAN
😢😢
😢😢
*Author प्रणय प्रभात*
यशस्वी भव
यशस्वी भव
मनोज कर्ण
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
Er. Sanjay Shrivastava
Loading...