अटलवन्दन सह श्रद्धार्पण
थे अटल जो रहेंगे अटल।
बनकर ज्ञान सरिता अविकल।।
अविश्वसनीय हो रहा प्रतीत।
ज्ञानतारा एक और हो गया विस्मृत।।
है देश का यह दुर्भाग्य जो।
विलोपित जो हो गया आराध्य वो।।
विधाता आज क्यों हो मौन।
है अब गीत नया गानेवाला कौन।।
था जगाता सम्पूर्ण भारत को जो।
हो सो गया अब मौन वो।।
विधाता दे बता आज।
करेगा कौन अब शान्ति का आगाज।।