अटकलों का बाजार!
जब से हुआ है मतदान,
आने लगे हैं अनुमान,
अपने अपनों को जिता रहे हैं,
प्रतिद्वंद्वी को कम आंक रहे हैं!
हैं कुछ लोग वो भी,
जो सरकार बना रहे हैं,
अपनी सुविधानुसार,
संख्या बता रहे हैं!
भाजपा ने अपना मानक साठ पार बताया,
मोदी जी की लोकप्रियता को आधार दिखाया,
नहीं बात की उन्होंने,
अपने कामकाज की,
नहीं बात स्वीकारी,
अपनी असफलताओं की,
तीन तीन मुख्य मंत्री,
जब उन्होंने बदल डाले,
कोरोना पर उन्होंने,
जांच के तौर तरीके क्या अपनाए,
विकास के सारे कारज रुके हुए हैं,
मुफ्त राशन के नाम पर ही,
वह वोट मांगने चले गए हैं,
अब जनता ने तो अपनी राय दे ही दी है,
किसकी झोली में तो यह पिटारी खुल ही रही है,
ये तो हमको दस मार्च ही बताएगा,
कमल का फूल खिलेगा,
या हाथ लहराएगा!!
कांग्रेस के भी लोग,
अपने दावे कर रहे हैं,
अपनी सरकार को,
वह अबकी देख रहे हैं,
उन्होंने बहुत ऊंचा,
टारगेट नहीं जताया,
बस बहुमत के आसपास,
अपने को है बताया,
उम्मीद उनकी ये है,
जनता त्रस्त है भारी,
नहीं करने देगी,
वह भाजपा को सवारी,
हमें ही तो अबके मौका मिलेगा,
हाथ का करिश्मा फिर से चलेगा!
जानते हैं यह सब दल,
जनता के सम्मुख नहीं कोई विकल्प,
बारी बारी हमको ही तो चुनेंगे,
प्रत्याशियों को जरुर वह बदल देंगे,
कभी कभी तो वह आपस में बदल देंगे,
कभी कभी इधर उधर से अदल बदल देंगे,
जो भाजपा के नकारे हैं,
वो कांग्रेस को प्यारे हो गए,
जो कांग्रेस में थे उपेक्षित,
वो भाजपा के दुलारे हो गये!
जनता ने अबकी क्या मन है बनाया,
भाजपा कांग्रेस से अब मन उकताया,
पर विकल्प का तो अभी भी टोटा पड़ा है,
क्षेत्रीय दल उक्रांद भी बिखरा हुआ है,
बसपा,,सपा , आप ने भी निराश ही किया है,
वामपंथियों में भी अब वो जोशो खरोश नहीं बचा है,
जनता भी क्या करे,
कोई विकल्प ही नहीं रहा है,
भाजपा कांग्रेस में ही,
वह उलझा हुआ है!
अटकलों दौर,
खूब जोरों पर चला हुआ है,
भाजपा कांग्रेस में ही,
अटकलों का बाजार खूब सजा हुआ है!