*अज्ञानी की कलम*
अज्ञानी की कलम
गगन में सितारे चमकते आसमांन से
पूछों।
चमन में महकते गुल वाग़बान से
पूछों।।
खिलें फूल कितने कैसे कोई
बताये
जिसने बनाई दुनिया उस भगवान से पूछों।। जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•
अज्ञानी की कलम
गगन में सितारे चमकते आसमांन से
पूछों।
चमन में महकते गुल वाग़बान से
पूछों।।
खिलें फूल कितने कैसे कोई
बताये
जिसने बनाई दुनिया उस भगवान से पूछों।। जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•