*अज्ञानी की कलम*
अज्ञानी की कलम
बैगेरत हुआ जग से यह जान तो गया।
नफ़रत भरी निगाहें जग जान तो गया।।
न मानें अज्ञानी समझाने का फर्ज़ है।
इंसानियत अब ये जग भूलान सा गया।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•
अज्ञानी की कलम
बैगेरत हुआ जग से यह जान तो गया।
नफ़रत भरी निगाहें जग जान तो गया।।
न मानें अज्ञानी समझाने का फर्ज़ है।
इंसानियत अब ये जग भूलान सा गया।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•