— अजीत हूँ —
लोग मुझे जानते हैं
यही मेरे लिए बहुत है
अच्छा हूँ अच्छों ने पहचाना
बुरा हूँ तो वो बुरों ने ही जाना
हस – बोल कर मुस्कुरा कर
लम्हे गुजार लेता हूँ
सर झुका कर करता हूँ स्वागत
दिल से सलाम कर लेता हूँ !!
जिंदगी भी अब हो गयी कैसी
शाम गुजरने का नाम नहीं लेती
सालों साल काट गये जीवन के
उसे ही याद कर गुजार लेता हूँ !!
बैठ जाता हूँ जमीन पर जब
अपनी औकात से बात कर लेता हूँ
ऊँचा उठने का कोई ख्वाब नहीं
कुदरत के एहसास में खो जाता हूँ !!
ऐसा नहीं की मुझ में कोई ऐब नहीं
पर दिल में किसी के लिए फरेब नहीं
न जाने क्यूँ जल जाते हैं लोग अंदाज से
मैं तो खुश होकर गले लग जाता हूँ !!
करता हूँ हर जिम्मेवारी पूरी घर की
समाज के संग भी हो लेता हूँ
वकत नहीं बचता खुद से मिलने का
शीशे को देख बस मुस्कुरा लेता हूँ !!
जीवन के हर रिश्ते को निभाया प्यार से
पर फिर भी आँख में कुछ की खटकता हूँ
इतवार का दिन क्या होता है मेरे लिए
बस थक हार के बिस्तर पर लेट जाता हूँ !!
अपनी आह भी दफ़न कर लेता हूँ
एहसास दर्द का किसी को नहीं होते देता हूँ
मैं खुश रहता हूँ मुस्कराता हूँ सामने सब के
क्यूँकि ताकत अपने खुदा से रात दिन लेता हूँ !!
साथ जितना दिया , मेरे रब ने मेरा
जब सब साथ छोड़कर रूखसत हो गए
मेरे जीवन की नैया पार उतार देना स्वामी
तेरी याद में ही मैं पल पल खोता हूँ !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ