अज़ल से प्यार करना इतना आसान है क्या /लवकुश यादव “अज़ल”
दुनिया की हर चमकती चीज चाँद है क्या,
तुम्हें खो कर वापस पाना आसान है क्या।
फिर इस दुनिया मे जन्म लेना पड़ेगा धरा पर,
अज़ल से प्यार करना इतना आसान है क्या।।
मोहब्बत की तस्बीर आंखों से ओझल हो जाये,
चेहरे की चमक धूमिल हो, तुम्हारी याद आ जाये।
एक अकेले बेवफा ही याद रखी जाए,
यार बताओ वो कोई पुरस्कार है क्या।।
तरन्नुम में ही हर गीत मेरी कलम से लिखा जाए,
अरे यार ऐसा दुनियां में कोई रिवाज है क्या।
दुनिया की हर चमकती चीज चाँद है क्या,
तुम्हें खो कर वापस पाना आसान है क्या।।
आईने को बेवफा कहने वालों गौर करो,
महफ़िल में अकेले ज़िन्दगी जीना आसान है क्या।
हर गम को खुशी में बदल लेना प्यार है क्या,
तुम्हें खो कर वापस पाना आसान है क्या।।
बेखबर को ख़बर कहाँ हाल-ए-दिल अज़ल,
उनके मेहंदी में अकेले तुम्हारा नाम है क्या।
एक अकेले बेवफा ही याद रखी जाए,
यार बताओ वो कोई पुरस्कार है क्या।।
लवकुश यादव “अज़ल”
अमेठी, उत्तर प्रदेश