अज़ब गज़ब वक्त की रफ्तार
अज़ब गज़ब वक्त की रफ्तार
अजब तेरी माया ,गज़ब तेरे रंग
दुनिया को चलाए अपने संग -संग।
अजब तेरे खेल ,गज़ब तेरे मेले
दुनिया की भीड़ में हम हैं अकेले।
अजब तेरा आना,गज़ब तेरा जाना
क्या होगा अब , हर शख्स अनजाना।
अजब तेरा रूप ,गज़ब तेरे ढँग
सुखी वही जो चले तेरे संग-संग।
अजब का दाता ,गज़ब का लुटेरा
सुख देकर भी, चैन है बिखेरा ।
अजब का कर्ता, गज़ब का धर्ता
करनी का फल यही पर दे देता।
अजब सा दुलार ,गज़ब सी मार
अनाथ भी पले, बुढ़ापा है भार।
अज़ब तेरी शिक्षा ,गज़ब तुम शिक्षक
तुम्हारी मार सिखाती हर सबक।
अजब तेरा दान ,गज़ब के दाता
मुकद्दर बदलने का अवसर दिलाता।
अजब तेरा हाथ,गज़ब तेरी लकीर
साथ चले राजा ,न चला वो फकीर।
अजब तेरा जादू, गज़ब तेरी जादूगरी
तुझे अपना बनाने को दुनिया फिरी।
अज़ब तेरी स्पीड ,गज़ब की रफ्तार,
पल में तोला-माशा,पल में जीवन बेकार ।
अजब गज़ब रफ्तार के , जो न चला साथ
जीवन उसका बेकार , कुछ न आता हाथ ।
नीरजा शर्मा