अजब गजब
जो जीना सिखाए वो शिक्षा है
जो पीना सिखाए वो इच्छा है
जो मिले बिना कमाए वो भिक्षा है
जो रण में विजय दिलाए वो परीक्षा है,
शादी का दो साल की अवधि वो परिवीक्षा है,
शोषण नही शमसान अच्छा है
15 अगस्त का गान अच्छा है
नेताओं की कोई नियत नही
हमारे शहीदों का गुमान अच्छा है,
हिंदू मुस्लिम नही वो इंसान होता है
शत शत नमन उस वीर को
जो शरहद पर कुर्बान होता है,
दस की जमात में सात बईमान होता है
तीन हीं नगीनों में अपना स्वाभिमान होता है,
झूठ और प्रपंच का सहारा आसान होता है
त्याग बलिदान से व्यक्ति महान होता है,
सासाराम की गलियों का जो अभी हाल है
शिक्षा व्यवस्था भी उतनी ही बदहाल है,
कितने हीं नौजवान बेरोजगार हो गए
स्कूल अब तो राशन के दुकान हो गए,
देश और समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार है
पढ़े लिखे लोग इसपर करना विचार है।