अजब गजब
जो जीना सिखाये वो शिक्षा है
जो पीना सिखाये वे इच्छा है,
जो मिले बिना कमाये वो भिक्षा है;
जो रण में विजय दिलाये वो परीक्षा है।
शोषण नही श्मसान अच्छा है
15 अगस्त का गान अच्छा है,
नेताओं की कोई नीयत नही;
हमारे शहीदों का गुमान अच्छा है ।
हिन्दू मुस्लिम नही वो इंसान होता है,
शत शत नमन उस वीर को,जो शरहद पर कुर्बान होता है।
दस की जमात में सात बेईमान होता है,
तीन हीं नागिनों में अपना स्वाभिमान होता है,
झूठ और प्रपंच का सहारा आसान होता है,
त्याग बलिदान से व्यक्ति महान होता है।
देश और समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार है,
पढ़े लिखे लोंगो !करना अब बिचार है।
15 अगस्त मनाना त्योहार हो गया
शहीदों का हम पर बड़ा उपकार हो गया,
74 साल में बनती रही सरकार,
फिर भी मुरादाबाद की सडक़ है बेकार ।
सासाराम की सड़कों व गलियों का जो है अभी हाल,
शिक्षा व्यवस्था भी उतनी है बदहाल ।
कितने हीं नवजवान(विद्वान) बेरोजगार हो गये,
स्कूल अब तो राशन के दुकान हो गये ।