बेटी की पुकार——– बेटी ना मारो
फर्क नहीं बेटा बेटी में…..हो ssssss
समझो मां के प्यारों।
ना बेटी मारो,. ना बेटी मारो ll
भगवान की इस नैमत पे ,क्यूं चलता जोर तुम्हारा
बनते पाप के भागी बिल्कुल भी नही विचारा
ममता की मूरत है बेटी सच्चाई स्वीकारो
ना बेटी मारो,. ना बेटी मारो ll
धन दौलत बेटें बांटें ,और सुख दुख बेटी बांटे
निस्वार्थ सी इस दुनिया में ,वो सारा जीवन काटे
क्या देंगें कलियुग के बेटे ssss….
कुछ तो समझ विचारो
ना बेटी मारो,. ना बेटी मारो ll
मां का ही रूप है बेटी ,जो इसको मरवाओगे
फिर किस मुहं से जाकर के ,मां से बेटा पाओगे
करके कन्यादान हो नरसी sssss…..
अपना जन्म सुधारो
ना बेटी मारो,. ना बेटी मारो ll
पढ़ लिखकर जब ये बेटी, छू लेगी अम्बर को
बदलेगी ये दुनियां ,बदलेगी मंजर को
बदलो तुम भी सोच को अपनी sssss……,
इसका जन्म संवारो
ना बेटी मारो,. ना बेटी मारो ll
(डा मीनाक्षी कौशिक)