अजनबी
गुजरते हुए पल
बोझिल से लग रहे हैं
आशाओं के दीपक
बुझते से लग रहे हैं ।
बदली हुई डगर मे
अपने पराये लग रहे हैं
नज़रो से दिखते रस्ते
धुंधले से लग रहे हैं ।
आसमान मे बादल
तन्हा से लग रहे हैं
उड़ते हुए परिन्दे
खामोश लग रहे हैं ।
उठती नजरों के तीर
सीने मे लग रहे हैं
हम आपको आप हमको
अजनबी से लग रहे हैं ।।
राज विग