अजनबी सा लगता है मुझे अब हर एक शहर
अजनबी सा लगता है मुझे अब हर एक शहर
ढूँढ रहा हूँ मंझिल के लिए ऐसी कोई एक डगर
क्या मालूम के कब कहाँ से चल पड़े थे ये कदम
मुक्कमल जिंदगी के लिए सदियो का एक सफ़र
⚪️ ‘अशांत’ शेखर
07/02/2023
अजनबी सा लगता है मुझे अब हर एक शहर
ढूँढ रहा हूँ मंझिल के लिए ऐसी कोई एक डगर
क्या मालूम के कब कहाँ से चल पड़े थे ये कदम
मुक्कमल जिंदगी के लिए सदियो का एक सफ़र
⚪️ ‘अशांत’ शेखर
07/02/2023