Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2020 · 1 min read

अच्छे दिन

अच्छे दिन

क्या पता था कि
दिन
इतने अच्छे आएंगे
सङे-सङे टमाटर भी
पचास रुपये
किलो हो जाएंगें
क्या पता था
अच्छे दिनों में
बिजली भी
नदारद पाएंगें
क्या पता
रेलवे भाङे में
वृद्धि पाएंगें
डीजल ओर पैट्रोल
बिन माचिस
आग लगाएंगें
क्या पता था
अच्छे दिनों में
इतने
व्याकुल हो जाएंगें

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन की कामना
मन की कामना
Basant Bhagawan Roy
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
shabina. Naaz
द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत
द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत
कवि रमेशराज
"अमर रहे गणतंत्र" (26 जनवरी 2024 पर विशेष)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
Lokesh Sharma
प्रेम में डूबे रहो
प्रेम में डूबे रहो
Sangeeta Beniwal
मेरा वतन
मेरा वतन
Pushpa Tiwari
*पानी केरा बुदबुदा*
*पानी केरा बुदबुदा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
"ढोंग-पसंद रियासत
*प्रणय प्रभात*
अपने मन के भाव में।
अपने मन के भाव में।
Vedha Singh
असंतुष्ट और चुगलखोर व्यक्ति
असंतुष्ट और चुगलखोर व्यक्ति
Dr.Rashmi Mishra
तबीयत मचल गई
तबीयत मचल गई
Surinder blackpen
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
Manoj Mahato
3094.*पूर्णिका*
3094.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
राजस्थानी भाषा में
राजस्थानी भाषा में
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
!! मन रखिये !!
!! मन रखिये !!
Chunnu Lal Gupta
"काल-कोठरी"
Dr. Kishan tandon kranti
*षडानन (बाल कविता)*
*षडानन (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
*वोट हमें बनवाना है।*
*वोट हमें बनवाना है।*
Dushyant Kumar
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
शेखर सिंह
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
Manju Singh
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
डॉक्टर रागिनी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
यह मेरी इच्छा है
यह मेरी इच्छा है
gurudeenverma198
पुकार!
पुकार!
कविता झा ‘गीत’
चाय पार्टी
चाय पार्टी
Mukesh Kumar Sonkar
समय न मिलना यें तो बस एक बहाना है
समय न मिलना यें तो बस एक बहाना है
Keshav kishor Kumar
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...