अच्छे दिन
अच्छे दिन
क्या पता था कि
दिन
इतने अच्छे आएंगे
सङे-सङे टमाटर भी
पचास रुपये
किलो हो जाएंगें
क्या पता था
अच्छे दिनों में
बिजली भी
नदारद पाएंगें
क्या पता
रेलवे भाङे में
वृद्धि पाएंगें
डीजल ओर पैट्रोल
बिन माचिस
आग लगाएंगें
क्या पता था
अच्छे दिनों में
इतने
व्याकुल हो जाएंगें
-विनोद सिल्ला©