अच्छा लगता है मुझे
मुस्कुरा देती हूं कभी, कभी हौले से हंस देती हूं,
और कभी कभी तो झल्ला भी पड़ती हूं।
अच्छा लगता है मुझे तुम्हारा रंग बिरंगी गेंदों के लिए
आपस में झगड़ना।
अच्छा लगता है मुझे अपने गंदे हाथों को चुपके से
कभी मेरे आंचल में पोंछना।
अच्छा लगता है मुझे तुम्हारा अपने नन्हें होठों को मेरे
गालों से सटाना।
अच्छा लगता है मुझे तुम्हारा तुतली बातों से दुसरों की
शिकायतें सुनाना।
अच्छा लगता है मुझे तुम्हारा छुट्टीयों की घंटी सुन अधखुले फीतों के साथ बाहर भागना।
क्या बताऊं मैं मुझे क्या-क्या अच्छा लगता है।,
मुझे तो बस कुदरत की बनाई अनमोल बचपनों को
चुपचाप निहारना अच्छा लगता है।
मुझे तो बस तुम सब में अपने बचपन को जीना
अच्छा लगता है।
मुझे तो बस तुम सब में अपने बचपन की यादों को
संजोना अच्छा लगता है।