Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2020 · 2 min read

अच्छा या बुरा

(बाल मन पर आधारित एक लघुकथा)
शीर्षक – अच्छा या बुरा
==================
देश में फैल रही महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में सभी स्कूल, कॉलेज ऑफिस आदि बंद हो चुके थे l सभी लोग अपने अपने घरों में परिवार के साथ समय व्यतीत कर रहे थे l मिस्टर माथुर भी अपने परिवार के साथ लॉन में बैठे पकोड़े और चाय की चुस्कियों का आनंद ले रहे थे l पूरा परिवार कई वर्षो के बाद एक साथ चाय की चुस्कियां ले रहा था l सभी बहुत खुश नजर आ रहे थे l तभी अचानक तन्वी ने मिस्टर माथुर से एक प्रश्न किया – “पापा, ये कोरोना वायरस अच्छा है या बुरा l”
एकाएक सभी एक दूसरे का मुँह ताकने लगे तो मिस्टर माथुर ने कहा – ” बेटा पूरा देश इस संकट से जूझ रहा हैl सारे कारोवार ठप्प पड़े हैं l बहुत से लोगों की जॉब भी हाथ से निकल गई, जाहिर सी बात है यह बहुत बुरा है l”
– “लेकिन पापा, मेरे लिये तो ये अच्छा ही है l”
– ” वो कैसे मेरी गुड़िया” मिस्टर माथुर ने तन्वी को पास में बिठाते हुए कहा l
– ” पापा, मै और भैया आपसे और मम्मा से बहुत सारी बातें करना चाहते थे l आपके साथ खेलना चाहते थे l आपके साथ पिकनिक जाना चाहते थे l लेकिन जब तक आप और मम्मा ऑफिस से आते, तब तक मै सो चुकी होती l सुबह मेरे स्कूल जाने की जल्दी और आप दोनो को ऑफिस की जल्दी l किसी के पास टाइम नहीं होता हमारे लिये l दादी अम्मा भी जब बीमार होती तब भी आप लोग उन्हें अकेला छोड़ के चले जाते ”
” लेकिन बेटा तुम तो जानती हो इतना बड़ा कारोबार समय ही कहाँ मिलता हैl अगर तुम्हारी मम्मा साथ न देती तो कारोबार कब का ठप्प हो गया होता और वैसे भी हमने किसी चीज की कमी होने दी कभी l” – मिस्टर माथुर ने तन्वी की बात को बीच में ही काट कर कहा l

” लेकिन पापा मुझे ये सब नही चाहिए था l आपके साथ बैठना, बात करना, खेलना पिकनिक करना, और पेरेंट्स मीटिंग हर जगह आप लोगों को खोजती रही हूँ और हर जगह अकेला ही पाया खुद कोl” – तन्वी ने बात पूरी की l
-” आई एम सॉरी बेटा”
-” सॉरी नही पापा, अब मै इन इक्कीस दिनों में आपके साथ रह सकती हूँ, जी भर के बाते कर सकती हूँ, खेल सकती हूँ l थैंक्यू कोरोना मुझे मेरा परिवार देने के लिएl सच में पापा अब ये मकान भी घर लगने लगा हैl” – कहते हुए तन्वी अपने पापा के गले से लग गई l और पूरे परिवार के साथ तन्वी की नम आँखों से अश्रु धारा बह निकली l

राघव दुवे ‘रघु’
इटावा
8439401034

Language: Hindi
1 Comment · 623 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नव दीप जला लो
नव दीप जला लो
Mukesh Kumar Sonkar
इलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा
इलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दुआ
दुआ
Kanchan verma
शंभू नाथ संग पार्वती भजन अरविंद भारद्वाज
शंभू नाथ संग पार्वती भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
चाँदनी रातों में बहार-ए-चमन,
चाँदनी रातों में बहार-ए-चमन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गले से लगा ले मुझे प्यार से
गले से लगा ले मुझे प्यार से
Basant Bhagawan Roy
दरख़्त
दरख़्त
Dr. Kishan tandon kranti
*महफिल में तन्हाई*
*महफिल में तन्हाई*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बोलेंगे हिंदी लिखेंगे हिंदी
बोलेंगे हिंदी लिखेंगे हिंदी
Sudhir srivastava
दिल धोखे में है
दिल धोखे में है
शेखर सिंह
यारा  तुम  बिन गुजारा नही
यारा तुम बिन गुजारा नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
Harminder Kaur
ग़ज़ल(नाम तेरा रेत पर लिखते लिखाते रह गये)
ग़ज़ल(नाम तेरा रेत पर लिखते लिखाते रह गये)
डॉक्टर रागिनी
गीत- रचा तुमको दिया संसार...
गीत- रचा तुमको दिया संसार...
आर.एस. 'प्रीतम'
चलो मान लिया इस चँचल मन में,
चलो मान लिया इस चँचल मन में,
पूर्वार्थ
गंगा घाट
गंगा घाट
Preeti Sharma Aseem
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
Ashwini sharma
ऐ ज़िन्दगी!
ऐ ज़िन्दगी!
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
कोई...💔
कोई...💔
Srishty Bansal
रात का रक्स जारी है
रात का रक्स जारी है
हिमांशु Kulshrestha
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
पानी  के छींटें में भी  दम बहुत है
पानी के छींटें में भी दम बहुत है
Paras Nath Jha
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
3575.💐 *पूर्णिका* 💐
3575.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सेवा जोहार
सेवा जोहार
नेताम आर सी
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
।।बचपन के दिन ।।
।।बचपन के दिन ।।
Shashi kala vyas
जो जीवन देती हैं
जो जीवन देती हैं
Sonam Puneet Dubey
A GIRL WITH BEAUTY
A GIRL WITH BEAUTY
SURYA PRAKASH SHARMA
■ सकारात्मकता...
■ सकारात्मकता...
*प्रणय*
Loading...