Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2021 · 1 min read

अच्छा दिन ना आई का?

अच्छा दिन ना आई का
कहियो अपना बिहार में
त्राहि-त्राहि मचल बाटे
हाय, एहू सरकार में…
(१)
मरअ तारे किसान एने
मजदूर ओने लुटाले हो
बाकिर चकाचक लउके
सब टीवी-अखबार में…
(२)
ना तअ नीमन हास्पिटल
ना ही अच्छा कालेज हो
बेरोज-गारी पसरल बा
सगरी जिला-जवार में…
(३)
आख़िर गरीब-गुरबा के
कइसे चली रोजी-रोटी
आग कइसन लागल बा
आजकल हो बाज़ार में…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#जनवादीगीतकार

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
440 Views

You may also like these posts

चित्र आधारित दो कुंडलियाँ
चित्र आधारित दो कुंडलियाँ
गुमनाम 'बाबा'
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
The_dk_poetry
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा
Dr.Pratibha Prakash
आंगन
आंगन
श्याम सांवरा
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
Johnny Ahmed 'क़ैस'
परिपक्वता
परिपक्वता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बोगनविलिया
बोगनविलिया
Meenakshi Bhatnagar
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक कुण्डलियां छंद-
एक कुण्डलियां छंद-
Vijay kumar Pandey
..
..
*प्रणय*
?????
?????
शेखर सिंह
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3484.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3484.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
सुबह
सुबह
Neeraj Agarwal
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन।
कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन।
Kuldeep mishra (KD)
जानी मानी गलियों में ,
जानी मानी गलियों में ,
पं अंजू पांडेय अश्रु
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
कवि रमेशराज
सपनों के उस बस्तर में
सपनों के उस बस्तर में
Dr. Kishan tandon kranti
ऊर्जा का सार्थक उपयोग कैसे करें। रविकेश झा
ऊर्जा का सार्थक उपयोग कैसे करें। रविकेश झा
Ravikesh Jha
मेरी माटी मेरा भारत
मेरी माटी मेरा भारत
Sudhir srivastava
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Indu Singh
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
Neeraj Mishra " नीर "
"आओ मिलकर दीप जलायें "
Chunnu Lal Gupta
उठ रहा मन में समन्दर क्यूँ छल रहा सारा जहाँ,
उठ रहा मन में समन्दर क्यूँ छल रहा सारा जहाँ,
अर्चना मुकेश मेहता
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
वन में नाचे मोर सखी री वन में नाचे मोर।
वन में नाचे मोर सखी री वन में नाचे मोर।
अनुराग दीक्षित
डायरी में शायरी...
डायरी में शायरी...
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...