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27 Oct 2019 · 1 min read

अच्छा तो अब मैं चलता हूं

मैं एक अधूरा सा वजूद

मेरे एहसास, मेरे जज़्बात,

यहां तक के

मेरी सोच तक भी अधूरी थी

मुकम्मल तो मेरे पास कुछ था ही नही

भला वो मेरे साथ कब तक चलता

उसे तो एक दिन जाना ही था

कियोंकि

तलाश उसे किसी मुकम्मल की थी

जिसे उसने अब ढूंढ लिया

उसे उसका मुकम्मल मिल गया

अब वो मुकम्मल है

और मै

मेरा क्या है

मैं तो वहीं खड़ा हूँ

जहां फिर कोई किसी मुकम्मल की तलाश में

मेरे पास आयेगा

कुछ देर रुकेगा,ठहरेगा

कुछ अपनी कहेगा

कुछ मेरी सुनेगा

ओर एक दिन बड़े प्यार से

कहेगा

अच्छा तो अब मैं चलता हूं

तुम्हारे साथ गुजारा हुआ पल बहुत अच्छा रहा

अपना ख्याल रखना

Language: Hindi
350 Views

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