अच्छा खाओ अच्छा पहनो
सुन लो भाई सुन लो बहनो
अच्छा खाओ अच्छा पहनो
बाहर की चीजें मत खाना
खा कर पड़ता है पछताना
ताज़ा खाना, साफ़-सफ़ाई
रोगों की फिर शामत आई
फल रखते हैं फ़ाइन हमको
मिलते ख़ूब विटामिन हमको
यूँ बन जाओगे तुम बलवान
शहज़ादे जैसा हो जलपान
बेफ़िक्री से मौज उड़ाओ
राजा बन दुपहर में खाओ
कैसी चिंता, क्या पछताना
शाम भिखारी जैसा खाना