अच्छाई
*अच्छाई तो अच्छाई है
बुराई के काले बादल आते हैं छंट जाते हैं
अच्छाई का सूरज शाश्वत दृढ टिके रहता है
अपने अस्तित्व के साथ *
*समुद्र में कंकङ भी हैं ,मोती भी हैं
कोयले की खान में कोयला भी है, हीरे भी हैं*
*इसी तरह संसार में अच्छाई भी है ,बुराई भी हैं
बुराई जो बहुतायत में दिखती है, ऐसा नहीं
अच्छाई कम है ,अच्छाई भी बहुतायत में है*
*किन्तु, बुराई के अंधेरे काले धुऐं के कारण
अच्छाई नजर नहीं आती ..हल्का सा धुआं
छंटा अच्छाई ही अच्छाई…
*बुराई के अस्त्र प्रताड़ित करते हैं मनोबल कमजोर भी
करते हैं …यहीं सब रहस्य छिपे हुए हैं ..सह जाओ शीघ्र ही सुखद एहसास में सब बदलेगा*
होकर टूटना नहीं ..काला धुआं छटते ही ,उजाला ही उजाला है …