Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

अच्छाई

*अच्छाई तो अच्छाई है
बुराई के काले बादल आते हैं छंट जाते हैं
अच्छाई का सूरज शाश्वत दृढ टिके रहता है
अपने अस्तित्व के साथ *

*समुद्र में कंकङ भी हैं ,मोती भी हैं
कोयले की खान में कोयला भी है, हीरे भी हैं*

*इसी तरह संसार में अच्छाई भी है ,बुराई भी हैं
बुराई जो बहुतायत में दिखती है, ऐसा नहीं
अच्छाई कम है ,अच्छाई भी बहुतायत में है*

*किन्तु, बुराई के अंधेरे काले धुऐं के कारण
अच्छाई नजर नहीं आती ..हल्का सा धुआं
छंटा अच्छाई ही अच्छाई…

*बुराई के अस्त्र प्रताड़ित करते हैं मनोबल कमजोर भी
करते हैं …यहीं सब रहस्य छिपे हुए हैं ..सह जाओ शीघ्र ही सुखद एहसास में सब बदलेगा*

होकर टूटना नहीं ..काला धुआं छटते ही ,उजाला ही उजाला है …

Language: Hindi
74 Views
Books from Ritu Asooja
View all

You may also like these posts

मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
Phool gufran
4154.💐 *पूर्णिका* 💐
4154.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"आपके पास यदि धार्मिक अंधविश्वास के विरुद्ध रचनाएँ या विचार
Dr MusafiR BaithA
रूठ मत जाना
रूठ मत जाना
surenderpal vaidya
"अपराध का ग्राफ"
Dr. Kishan tandon kranti
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
घायल मन
घायल मन
Sukeshini Budhawne
बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
पूर्वार्थ
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
जय जय भोलेनाथ की, जय जय शम्भूनाथ की
जय जय भोलेनाथ की, जय जय शम्भूनाथ की
gurudeenverma198
नारी
नारी
goutam shaw
असली
असली
*प्रणय*
जब सत्य प्रकाशमय हो
जब सत्य प्रकाशमय हो
Kavita Chouhan
पुरानी तूलिका से नए चित्र उकरने हैं
पुरानी तूलिका से नए चित्र उकरने हैं
Seema gupta,Alwar
नेता जी शोध लेख
नेता जी शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमारा नेता कैसा हो
हमारा नेता कैसा हो
Sudhir srivastava
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
कवि रमेशराज
श्रध्दा हो तुम ...
श्रध्दा हो तुम ...
Manisha Wandhare
नारी
नारी
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मुक्तक,,,,,,
मुक्तक,,,,,,
Neelofar Khan
संकट
संकट
Dr.sima
सावन और बचपन
सावन और बचपन
डॉ. एकान्त नेगी
मदिरा पीने वाला
मदिरा पीने वाला
राकेश पाठक कठारा
आत्मा
आत्मा
Bodhisatva kastooriya
खोज सत्य की
खोज सत्य की
महेश चन्द्र त्रिपाठी
1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम”
1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम”
Sapna Arora
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
Manisha Manjari
तथाकथित...
तथाकथित...
TAMANNA BILASPURI
Loading...