Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2024 · 1 min read

अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 21 नव

अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 21 नवंबर को अगहन का प्रथम गुरुवार का पर्व मनाया जाएगा। अगहन माह में मां भगवती की उपासना शुभ फलदायी होती है। इस बार अगहन माह में कुल 4 गुरुवार पड़ेंगे। अगहन माह 16 नवंबर से शुरू हो गया है, 15 दिसंबर तक चलेगा। अगहन गुरुवार में व्रत रखने का विधान है। इस माह के गुरुवार को धन देवी मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सुख-शांति व समृद्धि मिलती है। मान्यता है कि इस माह मां लक्ष्मी महीने भर पृथ्वी में विचरण करती हैं। गुरुवार को इनका आगमन ऐसे भक्त के यहां होता है, जिनके घर में साफ-सफाई, सजावट व मन, वचन और कर्म से पूरी सात्विकता रहती है। इस अवसर पर जो श्रद्धालु घर-द्वार की विशेष साज-सज्जा के साथ मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करता है। उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि महिलाएं हर बुधवार को घर-द्वार को रंगोली से सजाकर, घर के मुख्य द्वार से लेकर आंगन और पूजा स्थल तक चावल आटे के घोल से आकर्षक आकृतियां बनाती हैं । इसे अल्पना कहा जाता है। इन आकृतियों में माता लक्ष्मी के पांव विशेष रूप से बनाए जाते हैं।गुरुवार को भोर में स्नान-ध्यान कर मां लक्ष्मी का आह्वान और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं। सुबह, दोपहर और शाम तीनों समय उन्हें भोग अर्पित करते हुए पूजा-अर्चना की जाती है। आप सभी को अगहन माह के प्रथम गुरूवार के मां लक्ष्मी जी व्रत पूजा की बधाई..शुभकामनायें 💐💐🙏🙏

1 Like · 8 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बना रही थी संवेदनशील मुझे
बना रही थी संवेदनशील मुझे
Buddha Prakash
I don't listen the people
I don't listen the people
VINOD CHAUHAN
■ तो समझ लेना-
■ तो समझ लेना-
*प्रणय*
भीगी पलकें...
भीगी पलकें...
Naushaba Suriya
मन की आंखें
मन की आंखें
Mahender Singh
में इंसान हुँ इंसानियत की बात करता हूँ।
में इंसान हुँ इंसानियत की बात करता हूँ।
Anil chobisa
*दुख का दरिया भी पार न होता*
*दुख का दरिया भी पार न होता*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"सुविधाओं के अभाव में रह जाते हैं ll
पूर्वार्थ
नाउम्मीदी कभी कभी
नाउम्मीदी कभी कभी
Chitra Bisht
*हे शारदे मां*
*हे शारदे मां*
Dr. Priya Gupta
मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
Sonam Puneet Dubey
भक्ति गीत
भक्ति गीत
Arghyadeep Chakraborty
दिवाली है दीपों का पर्व ,
दिवाली है दीपों का पर्व ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
Sunil Maheshwari
रावण
रावण
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
भूल जा वह जो कल किया
भूल जा वह जो कल किया
gurudeenverma198
भूमकाल के महानायक
भूमकाल के महानायक
Dr. Kishan tandon kranti
झूठे हैं सब कहकहे,
झूठे हैं सब कहकहे,
sushil sarna
समय
समय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गरिमा
गरिमा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
3984.💐 *पूर्णिका* 💐
3984.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
ख़ाली हाथ
ख़ाली हाथ
Shashi Mahajan
दोहा
दोहा
Dr.VINEETH M.C
*जिनको चॉंदी का मिला, चम्मच श्रेष्ठ महान (कुंडलिया)*
*जिनको चॉंदी का मिला, चम्मच श्रेष्ठ महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गाँव की प्यारी यादों को दिल में सजाया करो,
गाँव की प्यारी यादों को दिल में सजाया करो,
Ranjeet kumar patre
जिसकी तस्दीक चाँद करता है
जिसकी तस्दीक चाँद करता है
Shweta Soni
तेरी मौजूदगी में तेरी दुनिया कौन देखेगा
तेरी मौजूदगी में तेरी दुनिया कौन देखेगा
Rituraj shivem verma
दिल तो है बस नाम का ,सब-कुछ करे दिमाग।
दिल तो है बस नाम का ,सब-कुछ करे दिमाग।
Manoj Mahato
अंगड़ाई
अंगड़ाई
भरत कुमार सोलंकी
Loading...