अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 21 नव
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 21 नवंबर को अगहन का प्रथम गुरुवार का पर्व मनाया जाएगा। अगहन माह में मां भगवती की उपासना शुभ फलदायी होती है। इस बार अगहन माह में कुल 4 गुरुवार पड़ेंगे। अगहन माह 16 नवंबर से शुरू हो गया है, 15 दिसंबर तक चलेगा। अगहन गुरुवार में व्रत रखने का विधान है। इस माह के गुरुवार को धन देवी मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सुख-शांति व समृद्धि मिलती है। मान्यता है कि इस माह मां लक्ष्मी महीने भर पृथ्वी में विचरण करती हैं। गुरुवार को इनका आगमन ऐसे भक्त के यहां होता है, जिनके घर में साफ-सफाई, सजावट व मन, वचन और कर्म से पूरी सात्विकता रहती है। इस अवसर पर जो श्रद्धालु घर-द्वार की विशेष साज-सज्जा के साथ मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करता है। उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि महिलाएं हर बुधवार को घर-द्वार को रंगोली से सजाकर, घर के मुख्य द्वार से लेकर आंगन और पूजा स्थल तक चावल आटे के घोल से आकर्षक आकृतियां बनाती हैं । इसे अल्पना कहा जाता है। इन आकृतियों में माता लक्ष्मी के पांव विशेष रूप से बनाए जाते हैं।गुरुवार को भोर में स्नान-ध्यान कर मां लक्ष्मी का आह्वान और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं। सुबह, दोपहर और शाम तीनों समय उन्हें भोग अर्पित करते हुए पूजा-अर्चना की जाती है। आप सभी को अगहन माह के प्रथम गुरूवार के मां लक्ष्मी जी व्रत पूजा की बधाई..शुभकामनायें 💐💐🙏🙏