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24 Apr 2024 · 1 min read

अगर

अगर
हमारे पूर्वजों ने
स्त्री और पुरुष को
मापने का पैमाना
अलग-अलग नहीं बनाया होता
तो आज
स्त्री भी खुश होती
पुरुष भी मुस्कुरा रहा होता

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