अगर हृदय में प्यार न होता
सुखमय ये संसार न होता
अगर हृदय में प्यार न होता
काँटों से यदि प्यार न पाते
फूलों का घर द्वार न होता
लोभ मोह में अगर न पड़ते
रिश्तों का व्यापार न होता
नहीं पनपता भृष्ट आचरण
अगर हमें स्वीकार न होता
आता कौन हमारे घर पर
अगर कभी सत्कार न होता
नहीं गरीबों के सिर झुकते
बेटी का यदि भार न होता
थोड़े में यदि खुश रह लेते
दुख का पारावार न होता