-अगर हम अपने अनुभवों पर आए तो सारे रिश्ते तोड़ जाए –
– अगर हम अपने अनुभवों पर आए तो सारे रिश्ते तोड़ जाए –
रिश्तो की दगाबाजिया,
अगर है धन पास में,
तो ही संबंधों का अनुबंध ,
अगर नही धन पास में,
तो संबंधों का विचलन,
न कही तठस्थ रहे ऐसे रिश्तों का क्या मोल,
पैसे देखकर रिश्तों का जब ईमान डग जाए,
रिश्तेदारी सिर्फ धन की मोहताज हो जाए,
धन के बिना कोई किसी का रिश्तेदार न कहलाए,
अगर हम अपने अनुभवों पर आए तो सारे रिश्ते तोड़ जाए,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान