अगर स्वदेश जान है,
पंच चामर छंद
अगर स्वदेश जान है, जवान आन बान है।
किसान देश हिंद का, महान मान शान है ।
पढ़े लिखे पले बढ़े ,मगर कभी रुकेंं नहीं ।
भले लहूलुहान थे ,मगर कभी झुके नहीं।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता,प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।