Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
RAMESH SHARMA
103 Followers
Follow
Report this post
17 Aug 2024 · 1 min read
अगर सोच मक्कार
क्या कर लेगी लेखनी, सोचो करो विचार ।
कलमकार की हो गई,अगर सोच मक्कार ।।
रमेश शर्मा.
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
2 Likes
· 75 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
- रिश्तो की कश्मकश -
bharat gehlot
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रेम
Saraswati Bajpai
इंसान भी कितना मूर्ख है कि अपने कर्मों का फल भोगता हुआ दुख औ
PANKAJ KUMAR TOMAR
अब जाग उठो
Neha
गीत-चले आओ
Yogmaya Sharma
अब कुछ चलाकिया तो समझ आने लगी है मुझको
शेखर सिंह
... बीते लम्हे
Naushaba Suriya
यूँ दर्दो तड़प लिए सीने में
Mahesh Tiwari 'Ayan'
मिट्टी से मिट्टी तक का सफ़र
Rekha khichi
*जिस पर प्रभु की अति कृपा हुई, माया उसकी हर लेते हैं (राधेश्
Ravi Prakash
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
gurudeenverma198
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
पर्दा खोल रहा है
संतोष बरमैया जय
शीर्षक -सावन में हरियाली!
Sushma Singh
4716.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
अंसार एटवी
कुछ तो गम-ए-हिज्र था,कुछ तेरी बेवफाई भी।
पूर्वार्थ
बहुरानी
Shashi Mahajan
आकाश में
surenderpal vaidya
स्टेटस बड़ी चीज़ है
Chitra Bisht
कफन
Kanchan Khanna
कौन कहता है कि "घुटनों में अक़्ल नहीं होती।"
*प्रणय*
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
Rj Anand Prajapati
रानी दुर्गावती (रोला छंद)
guru saxena
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
Mahender Singh
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
You are the sanctuary of my soul.
Manisha Manjari
"बेहतर यही"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी तेरी किताब में
Dr fauzia Naseem shad
Loading...