Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2022 · 1 min read

अगर मैं लौट के ना आऊँ…

कवि हिर्दय है
मनमें आते रहते हैं तरह तरह के संदेशा
कभी कभी तो लगता ऐसा
इस जीवन का रहा न अब कोई भरोसा
फिर सोचा..
क्यों न तुम से भी सँझा कर लूँ
अपने मन का ये अंदेशा-

अगर मैं लौट के ना आऊँ…
तो
खो जाऊंगा, फ़िज़ाओ में
सो जाऊंगा, गहरी नींद में
विचरण करूँगा, अनंत में
एक चमकती हुई सितारें बनकर, आसमान में।

अगर मैं लौट के ना आऊँ…
तो
मेरी यादें रह जाएगी
बिता पल जो तेरे साथ
वही अधुरी बात
जो बतियाते रहते दिन- रात।

इस गृहस्थ जीवन में मिलता रहता संज्ञान
सत्य असत्य, उचित अनुचित के बोध का प्रमाण
पर ये जो आत्मा का है ज्ञान
उसे समझना होता नही आसान
हर चेतन का है अपनी अपनी कहानी
कोई होता पंडित ज्ञानी
कुछ होते मृदुल, बोलते मधुर वाणी
अलग अलग सूरत में होते सभी प्राणी
किसी किसी का रहता है अपना ही मनमानी
फ़िर भी इस उधेड़बुन की दुनिया में
कुछ बना लेते है ऊचा स्थान
जिनकी तारीफ़ करती रहती है जहान।

खैर..
अगर मैं लौट के ना आऊँ…
तब मिलेंगे सिर्फ़
एक तस्वीर में मुस्कान बनकर
अपनी कविता में पदचिह्न बनकर
फिरसे लौट आऊंगा
पवन के तरह बहकर
तुम्हारे अंतर्मन के द्वार में
तब तुम रखना मन को साफ़
और करना मुझको माफ़।

अगर मैं लौट के ना आऊँ…

प्रस्तुति:
पवन ठाकुर “बमबम”
गुरुग्राम।।
दिनांक: 09 जुलाई 2021

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 216 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सोचा एक अफ़साना लिख दूँ,
सोचा एक अफ़साना लिख दूँ,
Nitesh Shah
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
घर का
घर का
सिद्धार्थ गोरखपुरी
महबूब
महबूब
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
"रियायत के रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
Radha Bablu mishra
गुलाब
गुलाब
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
गिरफ्त में रहे
गिरफ्त में रहे
Kumar lalit
Learn self-compassion
Learn self-compassion
पूर्वार्थ
आया सखी बसंत...!
आया सखी बसंत...!
Neelam Sharma
* जब लक्ष्य पर *
* जब लक्ष्य पर *
surenderpal vaidya
कचनार
कचनार
Mohan Pandey
संस्कृतियों का समागम
संस्कृतियों का समागम
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
- तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ -
- तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ -
bharat gehlot
संस्कार
संस्कार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मन में मदिरा पाप की,
मन में मदिरा पाप की,
sushil sarna
कुंडलिनी
कुंडलिनी
Rambali Mishra
4799.*पूर्णिका*
4799.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*बचपन*
*बचपन*
Pallavi Mishra
स्वार्थों सहूलियतों के बांध
स्वार्थों सहूलियतों के बांध
Nitin Kulkarni
शब्द और उम्र
शब्द और उम्र
Shekhar Deshmukh
जग में वो ही सच में, सच्चा गुरु कहलाता है
जग में वो ही सच में, सच्चा गुरु कहलाता है
gurudeenverma198
जब जिन्दगी की राहो में
जब जिन्दगी की राहो में
कार्तिक नितिन शर्मा
अधूरा ज्ञान
अधूरा ज्ञान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
shabina. Naaz
കവിതയുടെ ജനനം
കവിതയുടെ ജനനം
Heera S
विषय-हारी मैं जीवन से।
विषय-हारी मैं जीवन से।
Priya princess panwar
।। कसौटि ।।
।। कसौटि ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Loading...