अगर मैं अपनी बात कहूँ
अगर मैं अपनी बात कहूँ
तो आज भी अकेले में मैं मुस्कुराती हूँ
कुछ बातों को याद करके कुछ को भूल जाती हूँ
आज भी मुझे खुशियां मनाने के लिए
किसी उत्सव का इंतिजार नही करना पड़ता है
मेरा उत्साह ही किसी भी पल को उत्सव बना देता है
Ruby kumari