अगर मन वचन और कर्मों में मर्यादा न हो तो
अगर मन वचन और कर्मों में मर्यादा न हो तो
दुर्योधन, दुशासन, सुपर्णखा, मंथरा, कैकई,
होलिका, रावन, कंश बना जा सकता है और
मर्यादा हो तो राम, कृष्ण, दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी
बन सकते हैं अन्यथा अपने जीवन का विनाश
कुकर्मों से कर सकते हैं
_ सोनम पुनीत दुबे