अगर भगवान तुम हमको, कही लड़की बना देते
अगर भगवान तुम हमको, कही लड़की बना देते
जहाँ वालों को हम अपने, इशारो पर नचा देते||
पहनते पाव मे सेंडल, लगाते आँख मे काजल
बनाते राहगीरो को, नज़र के तीर से घायल ||
मोहल्ले गली वाले, सभी नज़रे गरम करते
हमे कुछ देख कर जीते, हमे कुछ देख कर मरते||
हमे जल्दी जगह बस मे, सिनेमा मे टिकट मिलती
किसी की जान कसम से, हमारी कोख मे पलती ||
अगर नाराज़ हो जाते, कई तोहफे मॅंगा लेते
किसी के तोहफे नही भाते, तो तोहमत लगा देते||
अगर भगवान तुम हमको, कही लड़की बना देते||