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26 Apr 2022 · 1 min read

*अगर न चूहा डरता 【 बाल-कविता 】*

अगर न चूहा डरता 【 बाल-कविता 】
■■■■■■■■■■■■■■■■■
हमसे अगर न चूहा डरता
उछल-कूद ही करता

और छिपकली का बच्चा भी
हमको देख अकड़ता ।

कौए काँव-काँव कर- करके
पास हमारे आते

बिल्ली-कुत्ते अगर निडर होते
हम भगा न पाते ।

आफत में पड़ते यदि मक्खी
आकर हमें डराती

घर से बाहर कौन निकलता
घर में मुश्किल आती ।

अच्छा किया प्रभो!
पशु-पक्षी को डरपोक बनाया

हम डरते हैं इनसे
तूने इनको नहीं बताया ।
——————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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