अगर दुनिया में लाये हो तो कुछ अरमान भी देना।
अगर दुनिया में लाये हो तो कुछ अरमान भी देना।
इन्हें मंजिल की राहों को जरा आसान भी देना। ।
लगा के पंख उड़ जाएं जमाने भर की उलझन से,
इन्हें परवाज के खातिर खुला आसमान भी देना।।
राजेन्द्र “राज”