प्रणय 6
अगर तुम्हें मैं ही चाहिए थी
तो तुम्हारी आशाओं में कोई और क्यों थी
और अगर कोई और चाहिए थी
तो तुम्हारी अभिलाषाओं में मैं क्यों थी???
अगर तुम्हें मैं ही चाहिए थी
तो तुम्हारी आशाओं में कोई और क्यों थी
और अगर कोई और चाहिए थी
तो तुम्हारी अभिलाषाओं में मैं क्यों थी???