अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
भरम के जाल से बाहर निकलना है तुझे
न कर विश्वास तू यूँ हर किसी की बात पर
यहाँ पर शख़्स को पहले समझना है तुझे
डॉ.अर्चना गुप्ता
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
भरम के जाल से बाहर निकलना है तुझे
न कर विश्वास तू यूँ हर किसी की बात पर
यहाँ पर शख़्स को पहले समझना है तुझे
डॉ.अर्चना गुप्ता