अगर कोई चुनाव न हो ।
अगर कोई चुनाव न हो।
गरीबों दलितो मजदूरों,
किसानों युवाओ की बात न हो
अगर कोई चुनाव न हो।
बंद रहे गाली की किताबें
छिपे रहे घोटालों के राज,
शिलान्यास की बात न करें
कौन बताए तब औकात।
कोई यहाँ ताव न हो
अगर कोई चुनाव न हो ।
कुर्ता टोपी कहाँ दिखाए,
हिन्दू मुस्लिम कौन लडाए,
रैली में कौन गुर्राए
टीका टोपी भला कौन लगाए।
हिन्दुस्तान में दुर्भाव न हो
अगर कोई चुनाव न हो।
झंडे अपने कौन लहराए
अपनी उपलब्धि गिनाए।
बिना बात दुर्लभ दर्शन क्यों ।
गरीबों का लेने वाला कोई नाम न हो
अगर कोई चुनाव न हो ।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र