अगर कभी तुम्हारे लिए जंग हो जाए,
अगर कभी तुम्हारे लिए जंग हो जाए,
लड़ूंगी ऐसे कि ये जमाना दंग हो जाए।
न जीतने दूंगी किसी को भी मैं हरगिज़,
तेरे प्यार का ऐसा मुझपर रंग हो जाए।
चढ़ेगी ऐसी इश्क खुमारी देखना कि,
तबियत मस्त मलंग हो जाए।
ना चाहेगा तुमको कोई ऐसे सोचना,
चाहे कितने भी तेरे संग हो जाए।
मेरी तक़दीर में लिख दे खुदा तुझको,
कोई तो ऐसी तरकीब ऐसा ढंग हो जाए।