“अखनो मिथिला कानि रहल अछि ”
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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मिथिला
अछि खन्डित ,
बिभेद
अछि सबतरि !
जाति, भाषा,
क्षेत्र मे ,
मारि हम
सदा करि !!
संगठन
बनेहुँ हम ,
संगठित
नहि भ सकलहूँ !
मिथिला
राज्यक लेल ,
सजग नहि
भ सकलहूँ !!
हम
पंचकोशी क छी ,
हमहीं
मैथिल भेलहुँ !
आन
दक्षिनाहा छथि ,
आहाँ गंगा
कात भेलहुँ !!
अपने ताले
नाचब त ,
लोक आहाँ सँ
कात रहत !
जाति बिशेष पर
ध्यान देब त ,
किय़ो नहि
आहाँ क साथ रहत !!
भाषा लिपि
आ संस्कृति ,
सब अखनो धरि
कानि रहल अछि !
मैथिली अपन
धरती पर ,
बहुतो दिन सँ
बिरान पड़ल अछि !!
आब जागु
मिथिला केँ मैथिल ,
मिथिला
राज्य क निर्माण करु !
भेद -भाब कें
छोड़ि-छाड़ि ,
सब मैथिल केँ
सम्मान करू !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कालेज रोड
दुमका
झाड़खण्ड
भारत
28.07.2023