अखंड भारत कब तक?
आज 14 अगस्त है। आजादी के शाम से पूर्व का शाम है। हम लोग प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी अखंड भारत स्मृति दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। आज फिर से हम लोग एक – दो घंटे अखंड भारत की स्मृति को याद करेंगे और फिर भारत माता की आरती करके अपने-अपने घर चले जाएंगे। ऐसा हम लोग हमेशा करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे, पता नहीं कब तक?
आखिर हम लोग 14 अगस्त को ही क्यों अखंड भारत स्मृति दिवस मनाते हैं? कभी आपने सोचा? नहीं सोचा-नहीं सोचा तो हम आपको बता रहे हैं। 14 अगस्त को अखंड भारत स्मृति दिवस इसलिए मनाते हैं क्योंकि हमारे अखंड भारत की अंतिम खंड 14 अगस्त की मध्य रात्रि को ही हुआ था। इसीलिए हम लोग 14 अगस्त को ही अखंड भारत स्मृति दिवस मनाते हैं। हालांकि इससे पहले भारत की कई टुकड़े हुए हैं। पर अंतिम टुकड़े जो हुआ, वह हिन्दुस्तान-पाकिस्तान के रूप में हुआ। जिसमें एक पूर्वी पाकिस्तान बना और पश्चिमी पाकिस्तान। वर्तमान समय में पाकिस्तान और बांग्लादेश के नाम से विश्व के नक्शे पर विराजमान है।
हम लोग को अखंड भारत स्मृति दिवस मनाते हुए देखकर के बहुत सारे लोग ऐसे मिल जाएंगे जो हम लोगों को मूर्ख भी कहते होंगे। कि क्या जो देश खंड – खंड में टूट गया, वह कभी एक हो सकता है? क्या वह कभी अखंड हो सकता है? इस तरह के सवाल करके हम लोगों का मजाक भी उड़ाते होंगे। इसमें जो बैठ कर के सुनने वाले लोग हैं। इसमें से भी बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल आता होगा कि यह जो भारत खंड हो चुका है, वह अब कभी अखंड नहीं हो सकता है। ऐसा होना भी संभव नहीं है। पर कभी-कभी हम लोग कुछ लोकोक्ति जानते हुए भी उसके अर्थ को, उसके मायने को भूल जाते हैं। जबकि हम जानते हैं की बूंदे बूंदे तालाब भरता है। फिर भी कभी-कभी ऐसे लोकोक्ति पर शक उत्पन्न होने लगता है कि ऐसा कैसे हो सकता है? इन लोकोक्तियों पर फिट नहीं बैठ रहा है, ऐसा मन में सवाल आने लगता है। लेकिन आज मैं सभी के मन में उठ रहे सारे सवालों का समाधान करने वाला हूं और ऐसा हल बताने वाला हूं कि आपको लगेगा सच में एक न एक दिन यह भारत अखंड होकर के रहेगा।
कभी-कभी आप लोग देखते होंगे कि संघ के लोग चुनाव में भाजपा की समर्थन करते हैं और संघ वाले लोग कहते हैं कि मेरी विचारधारा की पार्टी है भाजपा, इसलिए हम इनका समर्थन करते हैं और इनको वोट देते हैं। आप कभी सोचे हैं कि ऐसा ये लोग क्यों कहते हैं? क्योंकि आप देखिएगा न्यूज़ चैनलों पर जब भी भाजपा किसी राज्य को जीतती है और उस राज्य में उस पार्टी की सरकार बनती है तो न्यूज़ चैनल वाले उस राज्य को भगवा रंग से रंग करके दिखाते हैं। बाकी किसी पार्टी का इस रंग से नहीं रंगते हैं। जितने भी अलग-अलग पार्टियां हैं उनके अलग-अलग रंगों से रंगे रहते हैं लेकिन भाजपा जहां भी विजयी होती है। जितनी भी राज्य में भाजपा की सरकार बनती है। उन सारे राज्यों को भगवा रंग से ही रंग करके कोई भी न्यूज़ चैनल वाले दिखाते हैं। चाहे वह भाजपा के विरोधी चैनल हो चाहे कोई भाजपा के सपोर्टर चैनल हो, सब के सब एक ही रंग से रंग करके दिखाते हैं। उस समय हमारी सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है कि हम जिस भगवा को अपना गुरु मानते हैं। जिस भगवा के लिए हम लड़ रहे हैं। जिस भगवा के दम पर हम विश्व को एक सूत्र में बांधना चाहते हैं। जिस भगवा के बल पर हम विश्व की कल्याण की कामना करते हैं। उस भगवा के रंग से किसी पार्टी की पहचान है तो वह भाजपा। अगर हम कोई उम्मीद रखते हैं सरकार से तो उस उम्मीद पर खरा उतरती है तो वह है भाजपा वाली सरकार है।
पर एक दिन की बात है कि संघ की जिला बैठक चल रही थी, इस जिला बैठक में सारे जिला कार्यकारिणी के लोग उपस्थित थे। इस बैठक में संघ अपने कार्यों का समय निर्धारण करने के साथ-साथ 2019 के लोकसभा के चुनाव में भाजपा का समर्थन करने एवं अधिक से अधिक लोग इनको वोट दे ऐसी लोगों के अंदर जागरूकता फैलाने के लिए कहा गया। इतना सुनने के बाद जिला कार्यकारिणी के बहुत सारे लोग भड़क गए। रोस भरी आवाज में तरह-तरह के सवाल पूछे जाने लगे। कि भाजपा को हम लोगों ने पूरे 5 साल दिए, बिहार में भी सरकार बनवाई। एक से ग्यारह हो गया पर उससे हमें कुछ फायदा नहीं हुआ। राम मंदिर बनाएंगे? धारा 370 हटाएंगे? की नारा दिया लेकिन आज तक कुछ नहीं कर पाई। बहुत सारे लोग हम लोगों से सवाल पूछते हैं कि राम मंदिर कब बनेगा? धारा 370 कब हटेगा? हम उन लोगों को अब क्या जवाब देंगे? और किस मुंह से उन्हें भाजपा को वोट देने के लिए कहेंगे कि आप भाजपा को वोट दें। सारे लोग तो यह कहेंगे कि पिछले चुनाव में अपने वादा किया उस वादा को पूरा किया नहीं और फिर आप वोट मांगने के लिए चला आए। सारी पार्टियां तो कहती है कि राम मंदिर बनाएंगे। पर तिथि नहीं बताएंगे। इसके साथ ही गांव नगर के लोग भी यह बातें कह करके हम लोगों को चिढ़ाते हैं। पर हम चुपचाप सुनते रहते हैं। फिर भी विश्वास दिलाते रहते हैं कि आप धैर्य रखो जल्द ही राम मंदिर बनेगा। जल्द ही धारा 370 हटेगा। लेकिन अब तो यह भी 5 साल चली गई। हम लोगों ने पूर्ण बहुमत की सरकार दी। फिर भी कुछ हाथ नहीं आई।
इन सारे सवालों को सुनकर के पूरी धैर्यता से संघ के माननीय जिला संचालक श्री राजकिशोर जी ने आसान शब्दों में जिला कार्यकारिणी के सदस्य को समझाएं और बताएं। कि हमने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई, इसमें कोई दो राय नहीं है। हमने 5 साल सरकार को दी, इसमें भी कोई दो राय नहीं है। पर हमने जो पूर्ण बहुमत की सरकार दी, वह केवल लोकसभा में दी। जबकि किसी भी बिल को पास करने के लिए, किसी भी कानून को बनाने के लिए लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में पूर्ण बहुमत होना चाहिए और इस समय की स्थिति यह है कि भाजपा के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है लेकिन राज्यसभा में पूर्ण बहुमत नहीं है। इसलिए हमें इन्हें दोबारा मौका देना चाहिए और 2019 का चुनाव जीतवाना चाहिए क्योंकि 2019 के चुनाव जीतने के बाद बहुत सारे राज्यसभा के सदस्य रिटायर्ड हो जाएंगे। उसके बाद नए सदस्य जो चुने जाएंगे वह भाजपा के होंगे। इस तरह से लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों में जब भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार हो जाएगी तो किसी भी कानून या बिल पास करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
इतना बात सुनते ही हम सभी जिला कार्यकारिणी की सदस्यों की कान खड़े के खड़े रह गए। बस अब क्या करना था? सारे मन के सवाल चंद मिनटों में समाप्त हो गए और फिर हम लोग उस काम पर लग गए।
उसके बाद आप लोगों ने देखा ही होगा की फिर से 2019 में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनती है और महज कुछ दिन बीतते हैं। उसके बाद हम लोग न्यूज़ चैनलों में केवल खबर देखते रह गए और देखते-देखते पता चला कि राम मंदिर की फैसला आ गया। राम मंदिर बनना शुरू हो गया। धारा 370 हट गया। जम्मू कश्मीर भारत का गणराज्य बन गया। एक देश दो संविधान वाली स्थिति समाप्त हो गई। एक देश दो झंडेवाली स्थिति समाप्त हो गई और हमें कुछ नहीं करना पड़ा। ना कहीं रैली निकालनी पड़ी। ना कहीं धरना प्रदर्शन देनी पड़ी। ना कहीं कुछ करना पड़ा। बस देखते-देखते सब कुछ हो गया और कहीं कुछ बवाल नहीं हुआ।
ऐसा नहीं है कि राम मंदिर के लिए जाने गंवानी नहीं पड़ी। लेकिन उस समय हमारी विचारधारा की सरकार नहीं थी। इसलिए हमें जाने गंवानी पड़ी थी। इसलिए कार सेवकों की हत्या हुई थी। इसलिए कार सेवकों पर गोलिया चली थी। वह भी इस राम मंदिर के लिए लेकिन जैसे ही अपने विचारधारा की सरकार आई तो हमें कुछ नहीं करना पड़ा। बस हम देखते रह गए और सारा कुछ होता चला गया। यह होती है अपनी ताकत। यह होती है अपनी मजबूती।
इसलिए अगर कोई सोच रहे हैं की अखंड भारत कभी अखंड नहीं होगा तो वह गलत सोच रहे हैं। क्योंकि हमारा काम है केवल अपने विचारधारा की सरकार केंद्र में बनाए रखना। बस देखते जाना धीरे-धीरे सारा काम होता चला जाएगा और यह खंड-खंड में टूटे हुए भारत के टुकड़े, सब धीरे-धीरे अखंड भारत की माला गढ़ते जाएंगे और एक दिन हम अखंड भारत का जो सपना देखे हैं वह सपना पूर्ण होते हुए देखेंगे। हालांकि जो कुछ लोग अच्छे सोच विचार करने वाले होंगे। उन्हें आज भी प्रतित हो रहा होगा कि भारत अखंड भारत की ओर अग्रेषित हो रहा है। देखिए अखंड भारत की शुरुआत हो चुकी है और अफगानिस्तान की स्थिति देखिए जहां हिंदुस्तान की मांग शुरू हो गई है। पाकिस्तान की स्थिति देखिए जहां मोदी जैसे नेतृत्व मांगी जा रही है। नेपाल की स्थिति देखिए जिसमें हिंदू राष्ट्र की मांग शुरू हो चुकी है। श्रीलंका की स्थिति देखिए जहां पर भारत उसके लिए पूज्य बन गया है। सारे धीरे-धीरे भारत की ओर झुकाव कर रहे हैं। क्योंकि वे भारत से कमजोर हो रहे हैं जैसे ही उनकी कमजोरी हद से ज्यादा होगी। यह अपने आप भारत में मिलने को तैयार हो जाएंगे। इससे पहले आप देखेंगे कि पाकिस्तान की बहुत सारी ऐसी राज्य हैं, जैसे बालटिस्तान, पीओके, बलूचिस्तान ये सब भारत में मिलने को तैयार हैं। और वहां की आवाम भी भारत में मिलने को तैयार है।
इस प्रकार अखंड भारत होने में कोई दो राय नहीं है। हमें ज्यादा कुछ करने की जरूरत भी नहीं है। बस जैसे हम बरसों से अखंड भारत स्मृति दिवस मनाते हैं वैसे ही मनाते रहे और अपने विचारधारा की सरकार केंद्र में बैठाएं रखें सब काम समय आने पर हो जाएगा। अब हमें लग रहा है कि आप पूरी तरह से समझ गए होंगे की कैसे जो हम सपने बरसों से संयोग के रखे हैं अखंड भारत की, वह सपने एक दिन पूर्ण हो होगी।
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@जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।