अक्सर
अक्सर
अक्सर ऐसा क्यू होता है
अक्सर ऐसा ही क्यू होता है
ज़ब ऐसा होना ही है तो
अक्सर क्यू होता है
पन्नों में पैर लग जाते है
बिन स्याही कलम चल जाती है
कभी खुद को लिखती है
तो कभी अक्सर लिख जाती है
कभी मौषम बदल जाते है
कभी मौषम बदल दिए जाते है
क्या क्यू कैसे कब हो जाता है
और एक अक्सर की छाप कह जाते है
कुछ राज रह जाता है जिंदगी में
कुछ जिंदगी में राज रह जाते है
कुछ हम कह देते है जख्मो को
कुछ जख्म हमें अक्सर कुछ कह जाते है.
…….
देवशिवा