अक्सर रात में
अक्सर रात में जब सारा जग सो जाता है,
मेरे दिल के अंधेरे में तेरा जिक्र होता है,
अक्सर उस जिक्र में तेरी फिक्र होती है,
खुद से सवाल होता है जवाब होता है,
न जाने ये मेरे साथ क्या होता है।
तेरी याद आती है,
तेरा ख्वाब आता है,
हर सॉस पर तेरा नाम आता है,
चाह कर भी न मैं इन्हें रोक पाता हूँ ,
कोशिशें मैं हजार करता हूँ ,
खुद को मैं गुमराह करता हूँ ,
अपनी राह तुझसे मोड़ लेता हूँ ,
न जाने मैं खुद के साथ क्या करता हूँ ,
मैं हार जाता हूँ ,
यादें तेरी जीत जाती हैं।
-अभिनव