Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2024 · 1 min read

अक्सर देखते हैं हम…

अक्सर देखते हैं हम…
बड़े लोगों की ऑंखों में,
एक कांतियुक्त चमक होती है!
प्रेम विश्वास है जिस घर…
स्नेह मुहब्बत भी कोने-कोने में,
वहाॅं अमूमन रौनक़ होती है!!

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कैसे कहूँ दिल की बातें
कैसे कहूँ दिल की बातें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Them: Binge social media
Them: Binge social media
पूर्वार्थ
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
"सलाह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
होटल में......
होटल में......
A🇨🇭maanush
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
अंततः...
अंततः...
हिमांशु Kulshrestha
बहुत तरासती है यह दुनिया जौहरी की तरह
बहुत तरासती है यह दुनिया जौहरी की तरह
VINOD CHAUHAN
*बिरहा की रात*
*बिरहा की रात*
Pushpraj Anant
3081.*पूर्णिका*
3081.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन में प्रकाश, जुगनू की तरह आया..
जीवन में प्रकाश, जुगनू की तरह आया..
Shweta Soni
कभी ख़ुशी कभी ग़म
कभी ख़ुशी कभी ग़म
Dr. Rajeev Jain
" वरना "
Dr. Kishan tandon kranti
दुनिया में सब ही की तरह
दुनिया में सब ही की तरह
डी. के. निवातिया
* हासिल होती जीत *
* हासिल होती जीत *
surenderpal vaidya
ख्वाब दिखाती हसरतें ,
ख्वाब दिखाती हसरतें ,
sushil sarna
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
Kshma Urmila
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
I may sound relatable
I may sound relatable
Chaahat
"हम बड़ा तो हम बड़ा"
Ajit Kumar "Karn"
मज़दूर दिवस
मज़दूर दिवस
Shekhar Chandra Mitra
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
Mukta Rashmi
बेरोजगारी
बेरोजगारी
साहित्य गौरव
🙅गारंटी की वारंटी🙅
🙅गारंटी की वारंटी🙅
*प्रणय*
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
Phool gufran
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
Nakul Kumar
सरकार हैं हम
सरकार हैं हम
pravin sharma
Loading...