अक्षम्य है
परिणाम
गलती का
गलत ही होगा अंततः जानकर
की गई गलती
अक्षम्य है
विवेक है हममें
ईश्वर प्रदत्त
फिर भी
गलती पर गलती
सोचें
किधर-क्यों
चलते जा रहे हैं
जान-बूझ
गलत दिशा में
तय है
गलत दिशा
गलतत राह
सायास गलती
ले जाएगी हमें
अवश्य
गलत जगह
हमें कर देगी बर्वाद
परमात्मा भी
होगा तब लाचार-असमर्थ
हमे बचा पाने में
गलती के दुषपरिणाम से
संभलें
जागें
पहले बन जायं
पशुमानव से
मनुष्य मानव
@डा०रघुनाथ मिश्र ‘सहज’,
अधिवक्ता /साहित्यकार
सर्वाधिकार सुरक्षित
कोटा 09214313946