अक्ल पर पर्दा
आप बचा सकें तो
बचा लीजिए
देश और इसके
संविधान को!
तख्त और ताज की
साज़िश से
बेहद ख़तरा है
अवाम को!!
लाख हमलों के
बावजूद
जो सदियों से
क़ायम है यहां!
वे ख़त्म करने पर
तुले हुए हैं!
उसी गंगा-जमुनी
पहचान को!!
Shekhar Chandra Mitra
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