अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
भीड़ में खो जाने का डर है मुझे।।
हासिल है उम्मीद से ज्यादा जिन्दगी में बहुत कुछ।
हिसाब बस गैरों की मिल्कियत का है।।
हर राह फूल होंगे न होंगे।
काटों का दामन रहेंगे , हमेशा।
काटा, तराशा तब चमका हीरा।
सहने की सच में कीमत तो आंक लीजिए।।