अकेले चलने की तमन्ना मन में होना चाहिए,
अकेले चलने की तमन्ना मन में होना चाहिए,
अकेले चलते चलते तेरा कल्याण होना चाहिए।
कर खुद को ऐसा बुलंद की कल को,
सिर्फ नाम तेरा हर जुबां पे होना चाहिए।
बिन मांगे कोई सहारा तू हौले चलना चाहिए,
मुश्किलों के बीच तेरा साहस न हिलना चाहिए।
फिर चाहे कितनी आफत आ जाए,
शीश सदा ही तेरा ऊपर उठना चाहिए।
खुद को कर मजबूत इतना, गर्व खुद को होना चाहिए,
जीत जाने की तमन्ना बस मन में होना चाहिए।
अकेले चल कर पहचान ये लेना,
सर उठा कर सदा चलने का साहस भी होना चाहिए।
खुद को न हो खुद पर ग्लानि, ऐसे कर्म करना चाहिए,
सदा मानवता का हो भला ऐसा धर्म करना चाहिए।
न कभी मुड़कर पीछे देखना ओ रही,
सदा आगे को चलते चलना चाहिए,
……. तू आगे चलते चलना चाहिए।।