अकेला बेटा……..
अकेला बेटा……..
कोई छोटे तो कोई बड़े बेटे पर कविता और गजल कह गया
इन सब में अकेला बेटा क्यू रह गया।।
क्या सब कुछ छोटे और बड़े बेटे के लिए ही बना है
क्या अकेले बेटे के लिए कुछ नही बना है।।
क्या उसपर नही है घर की जिम्मेदारियों का बोझ ?
क्या उसको नही जाना पड़ता काम पर रोज?
क्या उस पर बहन की शादी का वजन नही है ?
क्या उसके लिए कोई कविता कोई गजल नही है?
क्या उसको फिक्र नहीं मां को दवाओं की ?
क्या उसको जरूरत नहीं है किसी की दुआओं की?
क्या उसके मन का भेद किसी ने जाना है ?
क्या उसको हसी के पीछे का दर्द किसी ने पहचाना है ?
क्यू उसकी आंखो का पानी आंखो में रह गया?
फिर इन सब में अकेला बेटा क्यू रह गया?
अरे! उसे भी तो तकलीफ होती होगी
उसकी भी तो आंखे रोती होती,वो भी तो एक दिन पराया हो जाता है
छोड़ के परिवार कमाने वो जाता है,उसकी भी आंखे सपने तो बुनती होगी
क्या खबर है की दुनिया उसकी सुनती होगी,है मेरा एक सवाल तुम सब से
धरती के इंसान आसमान के उस रब से,क्या अकेला बेटा होना बस गुनाह रह गया?
इन सब में अकेला बेटा क्यू रह गया?