अकेलापन
हम तो बचपन में भी अकेले थे,
बस खुद से खुद को समझते थे ।।
एक तरफ थी , दिल में आस ,
दूसरी तरफ थी, आंखो में सैलाब ।।
दिल में थी, हसरतों की चाहत ,
जिंदगी में थी , अजीब सरसराहट ।।
खुदकुशी क्या बनती , गमो का हाल ,
मौत में भी थे , सौ सवाल ।।
हम तो बचपन में भी अकेले थे,
बस खुद से खुद को समझते थे ।।
एक तरफ थी , दिल में आस ,
दूसरी तरफ थी, आंखो में सैलाब ।।
दिल में थी, हसरतों की चाहत ,
जिंदगी में थी , अजीब सरसराहट ।।
खुदकुशी क्या बनती , गमो का हाल ,
मौत में भी थे , सौ सवाल ।।