Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2022 · 1 min read

“अकल्पित”

“अकल्पित”
××××××××

हमारे इर्द-गिर्द कुछ घटनाएं होती ऐसी घटित।
जो पूरी तरह से होती सपनों जैसी अकल्पित।
कई बातों पर हम तब हो जाते आश्चर्यचकित।
होती जो कुछ अप्रत्याशित,रहे सदा अविस्मृत।

( स्वरचित एवं मौलिक )

© अजित कुमार “कर्ण” ✍️
~ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक :- 28 / 04 /2022.
“”””””””””””””””””””””””””””””””
💐💐💐💐💐💐💐💐💐

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 258 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
परिस्थितीजन्य विचार
परिस्थितीजन्य विचार
Shyam Sundar Subramanian
जाति और धर्म के मुद्दे इतने अधिक बलशाली हैं कि
जाति और धर्म के मुद्दे इतने अधिक बलशाली हैं कि
Sonam Puneet Dubey
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
Ravikesh Jha
हार गए तो क्या हुआ?
हार गए तो क्या हुआ?
Praveen Bhardwaj
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
3164.*पूर्णिका*
3164.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हें लिखना आसान है
तुम्हें लिखना आसान है
Manoj Mahato
प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
Shashi kala vyas
अपने ही  में उलझती जा रही हूँ,
अपने ही में उलझती जा रही हूँ,
Davina Amar Thakral
खो दोगे
खो दोगे
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
हिमांशु Kulshrestha
*आइसक्रीम (बाल कविता)*
*आइसक्रीम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रिश्ता कमज़ोर
रिश्ता कमज़ोर
Dr fauzia Naseem shad
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
राज वीर शर्मा
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
Khaimsingh Saini
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
कवि दीपक बवेजा
माटी करे पुकार 🙏🙏
माटी करे पुकार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सबला
सबला
Rajesh
#नीतिगत_सुझाव-
#नीतिगत_सुझाव-
*प्रणय*
जिंदगी
जिंदगी
विजय कुमार अग्रवाल
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Buddha Prakash
बुंदेली चौकड़िया
बुंदेली चौकड़िया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
पूर्वार्थ
भीरू नही,वीर हूं।
भीरू नही,वीर हूं।
Sunny kumar kabira
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
sushil sarna
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...