— अंध भक्ति —
अगर आज बात की जाए , अंधभक्ति की तो जिधर भी नजर जाती है, तो यही नजर आती है, बात उन दिनों की भी है, जब आज जैसे महंगाई के हालत इन अंधभक्तो के सामने जब आया करते थे, तो यह बहुत बड़े बड़े धरना प्रदर्शन किया करते थे, उस वक्त यह महंगाई सच में लोगों की जेब पर डाका डाला करती थी, माध्यम वर्ग के लोगों के लिए अपने बच्चों को पालना, उनकी पढाई का खर्चा उठाना..उनके पालन पोषण में सारा पैसा खतम हो जाया करता था ! तब विरोधी लोग जिनको आज मैं साफ़ अन्ध्भक्त कहने से गुरेज नही करना चाहता , वो इतने शांत क्यूं हैं ? क्या उनको नही लगता कि मौजूदा सरकार महंगाई को रोकने में असफल साबित हो रही है !
दुनिया में आई बिमारी की वजह से करोड़ों घरो के चिराग बुझा दिए, करोड़ों लोगों को बेरोजगार बना दिया , लोगों ने मजबूर होकर पलायन कर लिया, किस तरफ से मार नही पड़ी है ! उस के बाद भी महंगाई सर चढ़ कर बोल रही है ! मैं किसी भी पार्टी का विरोधी नही हूँ, न किसी का अंधभक्त , बस इतना जरुर कहूँगा, कि अगर सरकार लगातार पैसा बढाती रहेगी, तो क्या मूक बने रहोगे, क्या उस के लिए कोई उपाय नही किये जायेंगे, बेलगाम महंगाई जीने भी नही दे रही, क्या होगा आने वाली संतानों का, क्या होगा इस दुनिया का, कब सब को राहत मिलेगी !
डीजल के भाव जैसे ही बढ़ते हैं, तुरंत महंगाई बढ़ जाती है, सारा आवागमन इस डीजल के साथ ही जुडा हुआ है ! हर सरकार यह कह कर पीछा छुड़ा लेती है, कि यह हमारे हाथ में नही है, अगर आपके हाथ में नही है, तो फिर जब आप विरोध कर रहे थे, तब आप मौजूदा सरकार को ताने क्यूं मार रहे थे, महंगाई तो उस वक्त भी सर चढ़ के बोल रही थी ! पर आज जब आप खुद सत्ता में हैं, तो खुद नजर दौड़ाईये, कि बाज़ार की स्थिति क्या है, किस चीज पर राहत मिल रही है आम इंसान को ! आज मौजूदा पार्टी में बैठे हुए अंधभक्त शांत क्यूं बैठे हैं !
ऐसा लगता है, जैसे उनके घर में सीधा सीधा पार्टी के द्वारा राहत के कार्य पहुंचाए जा रहे हो, जिस की वजह से उन सब की जुबान पर ताला पड़ा हुआ है, किसी ने भी जरा सा भी विरोध नही किया ! 15 अगस्त को हमारे प्रधानमंत्री जी द्वारा यह कहा गया कि आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले भारत उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा ! ठीक है बहुत अछि बात है, पर जिस इंसान ने आपके आसपास जन्म लिया है, क्या उनको भूख नही लगती है, क्या उन्होंने अपने बच्चों को आगे नही बढ़ाना है , क्या उनके और हमारे कोई सपने नही हैं, आत्मनिर्भर तो जब बनेगे तब बनेंगे , हम को तो आज की महंगाई से लेना देना है, न की आने वाले 25 सालों तक इन्तेजार करना है !
सीधे शब्दों में सीधी बात तो यही है, कि भक्त बनो , पर इतने भी न बनो, कि आप विरोध न कर सको, यह तो जग जाहिर है, कि जिस के पास बहुत सारा पैसा है, वो तो कुछ कहेगा ही नही, और जिस के पास वैसे ही न के बराबर है, वो भी कुछ नही कहेगा, कहेगा तो माध्यम वर्ग का इंसान, उस के सेवा कोई भी विरोध नही करेगा, किसी भी सरकार..! अगर यही हालत रही तो हालात देश के वैसे हो बहुत अच्छे हैं नही, और भी बदत्तर जरुर हो जायेंगे ! दिन रात अगर इसी रफ़्तार के साथ महंगाई आगे बढती रही तो !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ